(पर्यावरण संरक्षण की ओर प्रेरणादायक कदम)
SAGES SINGPUR
शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती, बल्कि जीवन मूल्यों, संस्कारों और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी शामिल करती है। Sankul SAGES Singpur के अंतर्गत आने वाले विद्यालय सदैव विद्यार्थियों को ऐसी प्रेरणा देते रहे हैं, जिससे वे न केवल शैक्षिक क्षेत्र में, बल्कि समाज और पर्यावरण के क्षेत्र में भी जागरूक बन सकें।
इसी क्रम में प्राथमिक शाला सिरकट्टा के सहायक शिक्षक श्री लोमश मरकाम ने 6 सितम्बर 2025 को अपने माता जी के जन्मदिवस पर विद्यालय को 12 पुष्प पौधों की अनमोल भेंट कर एक अनोखी मिसाल पेश की।
🌱 पौधों का विवरण
इस अवसर पर विद्यालय परिसर में कुल 12 नग पुष्प पौधे लगाए गए।
इन पौधों का उद्देश्य विद्यालय की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ विद्यार्थियों में यह संदेश देना भी था कि “प्रकृति से जुड़ना ही जीवन का आधार है।”
🧑🏫 शिक्षक की भूमिका
शिक्षक केवल पढ़ाने का कार्य नहीं करते, बल्कि वे विद्यार्थियों को जीवन जीने की राह दिखाते हैं।
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श्री लोमश मरकाम ने यह संदेश दिया कि अपने माता-पिता के विशेष अवसर को केवल उत्सव के रूप में न मनाएँ, बल्कि समाज और प्रकृति को भी कुछ लौटाएँ।
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इस तरह का पौधारोपण विद्यार्थियों को सीखाता है कि “सच्चा उत्सव वही है, जिसमें समाज और पर्यावरण दोनों को लाभ मिले।”
🙏 शुभकामनाएँ और बधाई
इस विशेष अवसर पर विद्यालय के प्रधान पाठक श्री टिकेश्वर ध्रुव ने भी हार्दिक बधाई दी।
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उन्होंने श्री लोमश मरकाम को इस प्रेरणादायक पहल के लिए सराहा।
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साथ ही उन्होंने उनकी माता जी के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की।
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उन्होंने कहा कि यह कार्य विद्यालय के साथ-साथ पूरे समाज के लिए प्रेरणा है।
🌍 पर्यावरण संरक्षण और विद्यालय
प्राथमिक शाला सिरकट्टा के विद्यार्थियों और स्टाफ ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
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बच्चों ने पौधों को पानी दिया और उनकी देखभाल का संकल्प लिया।
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शिक्षकगण ने बताया कि इन पौधों की सुरक्षा और देखभाल बच्चों की जिम्मेदारी भी होगी।
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विद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम को “हरित विद्यालय अभियान” का हिस्सा बताया।
🎯 कार्यक्रम का उद्देश्य
इस कार्यक्रम के माध्यम से मुख्य उद्देश्य था:
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विद्यार्थियों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना।
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पौधारोपण की संस्कृति को समाज में बढ़ावा देना।
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माता-पिता और गुरुजनों के प्रति सम्मान को एक नई दिशा देना।
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विद्यालय को एक हरित और स्वच्छ परिसर बनाना।
💡 प्रेरणा
इस पहल से हमें यही संदेश मिलता है कि—
👉 “जब शिक्षक समाज और प्रकृति से जुड़ते हैं, तो विद्यार्थी भी उन्हें देखकर वही सीखते हैं।”
👉 यह केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक प्रेरणादायक उदाहरण था कि कैसे व्यक्तिगत खुशी को सामूहिक भलाई में बदला जा सकता है।
🌐 डिजिटल दस्तावेज़ीकरण
यह पूरी गतिविधि को SAGES Singpur Portal – www.sagessingpur.info पर भी अपलोड किया गया है, जिससे अन्य विद्यालय भी इस प्रेरणादायक कदम को देख सकें और इसी तरह के प्रयासों को आगे बढ़ाएँ।
🎯 निष्कर्ष
6 सितम्बर 2025 का यह दिन प्राथमिक शाला सिरकट्टा और Sankul SAGES Singpur के इतिहास में यादगार रहेगा।
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सहायक शिक्षक श्री लोमश मरकाम का यह योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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प्रधान पाठक श्री टिकेश्वर ध्रुव की शुभकामनाओं ने इस कार्यक्रम की गरिमा और भी बढ़ा दी।
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विद्यार्थी जब भी इन पौधों को देखेंगे, उन्हें यह याद रहेगा कि यह पौधे केवल छाया और सुंदरता ही नहीं देंगे, बल्कि उन्हें प्रकृति से जुड़े रहने की शिक्षा भी देंगे।
👉 यह पहल सिद्ध करती है कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल कक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन और समाज को बेहतर बनाने तक है।
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