SAGES Singpur में शिक्षक दिवस: अंतरिक्ष वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला का प्रेरक संवाद // SAGES SINGPUR

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📖 SAGES Singpur में शिक्षक दिवस पर विशेष आयोजन एवं अंतरिक्ष वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला का प्रेरक संवाद



📍 स्थान: SAGES Singpur, ब्लॉक मगरलोड, जिला धमतरी (छत्तीसगढ़)
🗓️ अवसर: शिक्षक दिवस (5 सितम्बर)
🕥 समय: सुबह 10:30 बजे से
🎯 विशेष कार्यक्रम: शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित, YouTube और Google Meet पर अंतरिक्ष वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला का लाइव संवाद
🎓 सहभागिता: छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के विद्यालय, SAGES Singpur के विद्यार्थी और समस्त स्टाफ


✨ प्रस्तावना – शिक्षक दिवस और शिक्षा का महत्व

शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि यह शिक्षा के महत्व और शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करने का अवसर है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाने वाला यह दिन हमें याद दिलाता है कि गुरु ही ज्ञान का दीपक हैं और शिक्षा ही समाज और देश की प्रगति का आधार है।

इसी विशेष दिन पर SAGES Singpur विद्यालय में एक अनूठा आयोजन हुआ। शिक्षा विभाग की पहल पर बच्चों को सीधे अंतरिक्ष वैज्ञानिक से जुड़ने का अवसर मिला। यह आयोजन YouTube और Google Meet के माध्यम से पूरे राज्य के हजारों विद्यार्थियों को विज्ञान से जोड़ने का माध्यम बना।


🌟 कार्यक्रम का आरंभ – डिजिटल माध्यम से विज्ञान का सफर

5 सितम्बर को सुबह 10:30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

  • छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले के विद्यालय इस लाइव कार्यक्रम से जुड़े।

  • SAGES Singpur के बच्चे और शिक्षक भी पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

  • सभी बच्चों में यह उत्सुकता थी कि वे सीधे एक ऐसे वैज्ञानिक से प्रश्न पूछ पाएँगे जो हाल ही में अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा रहे हैं।


🚀 विशेष अतिथि – अंतरिक्ष वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला

इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

उनका संक्षिप्त परिचय

  • शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं।

  • वे ISRO के गगनयान मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के पहले चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं।

  • उन्होंने हाल ही में Axiom Mission-4 (Ax-4) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक यात्रा की।






🌌 अंतरिक्ष मिशन – कब से कब तक

शुभांशु शुक्ला जी की यात्रा की समयावधि इस प्रकार रही:

  • लॉन्च: 25 जून 2025

  • ISS से जुड़ाव: 26 जून 2025

  • कुल समय: 20 दिन, 2 घंटे और 59 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे

  • पृथ्वी पर वापसी: 15 जुलाई 2025

इस दौरान उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष जीवन के अनुभव साझा किए।


❓ विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्न

कार्यक्रम की खासियत यह रही कि बच्चों को सीधे वैज्ञानिक से सवाल पूछने का अवसर मिला।
कुछ प्रमुख प्रश्न इस प्रकार रहे:

  • “जब आप पहली बार अंतरिक्ष केंद्र पहुँचे तो आपको कैसा लगा?”

  • “अंतरिक्ष में खाने-पीने और रहने की व्यवस्था कैसे होती है?”

  • “आपने अपने मिशन में कौन-कौन से प्रयोग किए?”

  • “स्पेस में गुरुत्वाकर्षण न होने पर काम करना कितना कठिन होता है?”

शुभांशु शुक्ला जी ने सभी प्रश्नों का धैर्यपूर्वक उत्तर दिया और बच्चों को वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा दी।





🌱 विज्ञान से मिली प्रेरणा

वैज्ञानिक ने बच्चों से कहा:

  • “यदि आपमें जिज्ञासा है और आप लगातार मेहनत करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”

  • उन्होंने समझाया कि अंतरिक्ष मिशन केवल वैज्ञानिकों का सपना नहीं होता, बल्कि यह पूरे देश का गर्व होता है।

  • बच्चों को उन्होंने अनुशासन, मेहनत और धैर्य को जीवन का सबसे बड़ा सूत्र बताया।


📚 बच्चों और शिक्षकों का अनुभव

  • बच्चों ने इस कार्यक्रम को अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया।

  • शिक्षकों ने माना कि इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान की भावना मजबूत होती है।

  • कई विद्यार्थियों ने कहा कि वे भी भविष्य में विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान को अपना करियर बनाना चाहते हैं।


🌐 शिक्षा विभाग की पहल – डिजिटल इंडिया का उदाहरण

यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग की उस दूरदर्शी सोच का हिस्सा था, जिसके माध्यम से बच्चों को ग्लोबल लेवल के वैज्ञानिकों से सीधे जोड़ने का अवसर मिला।

  • YouTube और Google Meet जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने इस आयोजन को हर बच्चे तक पहुँचाया।

  • यह प्रयास बच्चों को विज्ञान और शोध की ओर आकर्षित करने का अनूठा तरीका बना।


🛰️ अंतरिक्ष में जीवन – बच्चों को मिली जानकारी

शुभांशु शुक्ला जी ने अंतरिक्ष जीवन के बारे में विस्तार से बताया:

  • अंतरिक्ष यात्री विशेष सूट पहनकर काम करते हैं।

  • वहाँ भोजन और पानी पैक्ड और विशेष तकनीक से तैयार होता है।

  • गुरुत्वाकर्षण न होने से सब कुछ तैरता है, इसलिए हर काम सावधानी से करना पड़ता है।

  • अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना जीवन का सबसे अद्भुत अनुभव होता है।


👩‍👩‍👧‍👦 SAGES Singpur की भूमिका

हमारे विद्यालय SAGES Singpur ने इस अवसर को और खास बना दिया:

  • बच्चों को पहले से अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी दी गई।

  • शिक्षकगण ने बच्चों को प्रश्न तैयार करने के लिए मार्गदर्शन दिया।

  • विद्यालय परिवार ने इस कार्यक्रम को शिक्षक दिवस का सबसे बड़ा उपहार माना।


✨ प्रेरक संदेश

यह आयोजन हमें यह सिखाता है कि –

  • शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है।

  • जब शिक्षा को डिजिटल और वैज्ञानिक रूप दिया जाता है, तो बच्चे आसमान से भी आगे सोचने लगते हैं।

  • एक छोटे से गाँव का बच्चा भी अगर अवसर पाए तो अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पूरा कर सकता है।


🌍 निष्कर्ष

SAGES Singpur में शिक्षक दिवस पर आयोजित यह विशेष कार्यक्रम बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरक रहा।

  • विद्यार्थियों ने सीधे अंतरिक्ष वैज्ञानिक से संवाद किया।

  • शुभांशु शुक्ला जी ने अपने अनुभव साझा कर बच्चों को विज्ञान की ओर आकर्षित किया।

  • शिक्षकों और स्टाफ ने बच्चों को इस अवसर का लाभ दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई।

इस कार्यक्रम ने साबित किया कि “शिक्षा की असली ताकत वही है जो बच्चों को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दे।”

👉 इस आयोजन ने शिक्षक दिवस को और भी यादगार बना दिया और बच्चों के मन में यह विश्वास जगाया कि “आसमान ही सीमा नहीं है, बल्कि उससे आगे भी जाने की हिम्मत रखो।”

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