🌟 स्वामी आत्मानंद स्कूल सिंगपुर में समाज और शिक्षा का संगम: प्रदीप कुमार साहू की प्रेरक पहल
धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक में स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय सिंगपुर (Sages Singpur) हमेशा शिक्षा, समाज और संस्कृति को जोड़ने वाली गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इस विद्यालय ने बार-बार यह साबित किया है कि शिक्षा केवल विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज का सामूहिक प्रयास है।
इसी कड़ी में सिंगपुर निवासी प्रदीप कुमार साहू ने अपने पिताजी की पुण्यतिथि के अवसर पर विद्यालय में एक ऐसा कार्य किया जिसने सबको गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने विद्यालय में न केवल नेवता भोज कराया, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए एनसीईआरटी की प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित 6 पुस्तकें तथा सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर विद्यालय को भेंट की।
प्रदीप कुमार साहू की अनुकरणीय पहल
सिंगपुर में यह परंपरा अब बढ़ रही है कि लोग अपने जीवन के खास अवसरों को विद्यालय से जोड़ते हैं। परंतु प्रदीप साहू ने इसे एक अलग ऊँचाई दी।अपने पिताजी की पुण्य स्मृति में बच्चों को भोजन (नेवता भोज) कराकर उन्होंने यह संदेश दिया कि समाज के भविष्य के निर्माता बच्चों को खुश देखना ही सच्चा श्राद्ध है।प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने एनसीईआरटी दिल्ली से प्रकाशित 6 महत्वपूर्ण प्रतियोगिता पुस्तकें विद्यालय को प्रदान कीं।
इसके अलावा, उन्होंने भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर विद्यालय को समर्पित की ताकि बच्चे देशभक्ति और त्याग का आदर्श याद रखें।
💌प्रदीप कुमार साहू का संदेश
प्रदीप साहू ने कहा:👉
“अपने परिजनों की स्मृति को जीवंत बनाने के लिए विद्यालय से बढ़कर कोई पवित्र स्थान नहीं हो सकता। बच्चे बोलने वाले भगवान हैं और उनके लिए ज्ञान, पुस्तकें या उपयोगी सामग्री दान करना सबसे श्रेष्ठ कार्य है।”
उनकी यह बात न केवल उपस्थित लोगों के दिलों को छू गई, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरक संदेश भी बनी।
समाज और विद्यालय का बढ़ता जुड़ाव इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. व्ही.पी. चंद्रा, अध्यक्ष धनंजय साहू, डॉ. हेमन्त साहू, ग्राम सरपंच लोमेश्वर साहू, राधेलाल सिंह, हरी मरकाम, इकरामुद्दीन रिजवी, अयूब रिजवी सहित अनेक शिक्षक और ग्रामीणजन उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में प्रदीप साहू की पहल की प्रशंसा की और इसे समाज के लिए अनुकरणीय बताया।
पालकों की बदलती सोच👉
प्रदीप कुमार साहू की इस पहल ने पालकों के बीच एक नई सोच को जन्म दिया है। अब लोग समझने लगे हैं कि:🤹
👉अपने बच्चों के भविष्य में निवेश करना ही सबसे बड़ा दान है।
👉पुण्य स्मृति या खास अवसरों को विद्यालय से जोड़ना समाज के लिए प्रेरणा है।
👉विद्यालय को समृद्ध करने से आने वाली पीढ़ियों को बेहतर संसाधन मिलते हैं।
एक नई परंपरा का आरंभ सिंगपुर में यह सिलसिला लगातार बढ़ रहा है कि पालक और समाजजन अपने खास अवसर विद्यालय के साथ मनाते हैं।
जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ या पुण्य स्मृति जैसे अवसरों पर:
1-कोई भोजन कराता है,
2-कोई पुस्तकें भेंट करता है,
3-कोई शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराता है।
यह परंपरा न केवल विद्यालय को समृद्ध करती है, बल्कि बच्चों में भी यह भाव पैदा करती है कि उनका समाज और पालक उनके साथ खड़े हैं।
एक पंक्ति में सभी नाम-👉
👉 प्रदीप कुमार साहू (मुख्य योगदानकर्ता), डॉ. व्ही.पी. चंद्रा (प्राचार्य), श्री धनंजय साहू (अध्यक्ष Sages Singpur), डॉ. हेमन्त साहू (शिक्षाविद), श्री लोमेश्वर साहू (ग्राम सरपंच), श्री राधेलाल सिंह (समाज प्रमुख), श्री हरी मरकाम (ग्रामीण प्रतिनिधि), श्री इकरामुद्दीन रिजवी (ग्राम प्रतिनिधि), श्री अयूब रिजवी (ग्राम प्रतिनिधि), एवं विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक व विद्यार्थी।
निष्कर्ष💡
प्रदीप कुमार साहू की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि जब समाज, पालक और विद्यालय मिलकर कार्य करते हैं, तो शिक्षा एक आंदोलन बन जाती है।
उनके इस कार्य ने यह संदेश दिया कि बच्चों की शिक्षा और उनका भविष्य ही सबसे बड़ा दान है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल सिंगपुर (Sages Singpur) आज इस सकारात्मक परंपरा के लिए पूरे क्षेत्र में मिसाल बन रहा है। आने वाले वर्षों में यह पहल निश्चित ही और लोगों को प्रेरित करेगी कि वे भी अपने जीवन के खास अवसरों को विद्यालय और बच्चों से जोड़ें।
