व्यावसायिक शिक्षा का परिणाम: बच्चों ने माँ सरस्वती प्रांगण में टाइल्स लगाकर विद्यालय को दिया नया स्वरूप // SAGES SINGPUR

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🌸 व्यावसायिक शिक्षा का परिणाम: बच्चों ने माँ सरस्वती प्रांगण में अपने कौशल से बिछाए टाइल्स




व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को जीवन कौशल, व्यावहारिक ज्ञान और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर करती है। शिक्षा तभी सार्थक होती है, जब उसका परिणाम समाज और विद्यालय में सीधे दिखाई दे। इसी का एक उत्कृष्ट उदाहरण हाल ही में SAGES Singpur विद्यालय के बच्चों ने प्रस्तुत किया।

विद्यालय प्रांगण के माँ सरस्वती प्रांगण में अक्सर पानी भर जाने के कारण कीचड़ की समस्या बनी रहती थी। यह जगह छात्रों के लिए असुविधाजनक और विद्यालय की सुंदरता को प्रभावित करने वाली थी। लेकिन व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत प्राप्त कौशल का उपयोग करते हुए बच्चों ने स्वयं इस समस्या का समाधान निकाला और प्रांगण में सुंदर टाइल्स बिछा दिए।


🌿 व्यावसायिक शिक्षा क्यों है आवश्यक?

  1. जीवन कौशल का विकास – केवल किताबों का ज्ञान जीवन में पर्याप्त नहीं, बच्चों को व्यावहारिक कार्य भी आना चाहिए।

  2. आत्मनिर्भरता – छोटे-छोटे कार्यों को स्वयं करना सीखकर छात्र भविष्य में दूसरों पर निर्भर नहीं रहते।

  3. समस्या समाधान क्षमता – जब कोई चुनौती सामने आती है, तो उसका हल निकालने की सोच विकसित होती है।

  4. रचनात्मकता और नवाचार – अपने हुनर का उपयोग करके नए-नए कार्य करना छात्रों की सोच को सकारात्मक दिशा देता है।

  5. सामाजिक जिम्मेदारी – विद्यालय या समाज की समस्याओं को दूर करने में हाथ बंटाना, बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाता है।


🏫 माँ सरस्वती प्रांगण में बच्चों का योगदान

विद्यालय परिसर का माँ सरस्वती प्रांगण पहले कीचड़ और गड्ढों से प्रभावित था। वर्षा ऋतु में वहाँ जलभराव हो जाता था, जिससे बच्चों को चलने-फिरने में काफी परेशानी होती थी।

व्यावसायिक शिक्षा के प्रशिक्षण के बाद बच्चों ने मिलकर निर्णय लिया कि वे इस स्थान पर टाइल्स बिछाएँगे।

  • बच्चों ने नाप-जोख का कार्य किया।

  • सीमेंट, बालू और टाइल्स की व्यवस्था की।

  • शिक्षकगण के मार्गदर्शन में सभी ने मिलकर पूरे प्रांगण को व्यवस्थित किया।

  • अंततः टाइल्स बिछ जाने के बाद माँ सरस्वती प्रांगण एकदम आकर्षक और स्वच्छ स्थान में बदल गया।


🌟 सकारात्मक परिणाम

  1. सुंदर और आकर्षक वातावरण – विद्यालय परिसर का सौंदर्य अब पहले से कहीं बेहतर हो गया।

  2. छात्रों में गर्व की भावना – अपने कार्य को देखकर बच्चों में आत्मविश्वास और गर्व की भावना जागृत हुई।

  3. सभी के लिए प्रेरणा – अन्य विद्यालयों और बच्चों के लिए यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

  4. समस्या का स्थायी समाधान – जहाँ पहले कीचड़ और पानी जमा होता था, अब वहाँ स्वच्छता और सुविधा है।

  5. समुदाय की भागीदारी – गाँव के पालक और लोग भी बच्चों के कार्य को देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं।


📖 बच्चों के अनुभव

टाइल्स लगाने में शामिल छात्रों ने कहा कि –

  • "हमें यह कार्य करके बहुत आनंद आया।"

  • "अब हम समझ पाए कि व्यावसायिक शिक्षा का असली महत्व क्या है।"

  • "यह प्रांगण अब हमें पढ़ाई और गतिविधियों के लिए और भी अच्छा लग रहा है।"


🙏 शिक्षकों और समुदाय की सराहना

विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों की मेहनत और कौशल की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा –

  • यह कार्य केवल एक निर्माण कार्य नहीं है, बल्कि यह बच्चों की समर्पण भावना और जिम्मेदारी का प्रमाण है।

  • व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत प्राप्त ज्ञान का उपयोग करके बच्चों ने विद्यालय के लिए कुछ स्थायी और उपयोगी कार्य किया है।

  • आने वाली पीढ़ियाँ भी इस कार्य को देखकर प्रेरित होंगी।


निष्कर्ष

व्यावसायिक शिक्षा का असली उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जिम्मेदारी की ओर अग्रसर करती है।

SAGES Singpur विद्यालय के बच्चों ने यह साबित कर दिया कि जब शिक्षा और कौशल एक साथ मिलते हैं, तो न केवल विद्यालय का वातावरण बदलता है, बल्कि पूरे समाज में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होता है।

माँ सरस्वती प्रांगण में बच्चों द्वारा बिछाई गई टाइल्स केवल ईंट और सीमेंट का काम नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की शक्ति, जिम्मेदारी और समर्पण का सजीव उदाहरण है।



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