रात की पढ़ाई पर विशेष निगरानी – SAGES सिंगपुर और ग्राम पंचायत की संयुक्त पहल
परिचय
शिक्षा का असली अर्थ तभी साकार होता है, जब विद्यालय, परिवार और समाज तीनों मिलकर एक साझा प्रयास करें। यही सोच स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय (SAGES), सिंगपुर और ग्राम पंचायत सिंगपुर ने अपनाई है। शिक्षा को बच्चों की दिनचर्या में प्राथमिकता दिलाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत सिंगपुर के सरपंच श्री लोमेश्वर साहू के नेतृत्व में एक अभिनव पहल की गई है – “रात की पढ़ाई की निगरानी और अभिभावक संवाद अभियान”।
धमतरी जिले के मगरलाेड ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला यह आदिवासी बहुल ग्राम सिंगपुर, जहाँ से 17 गाँवों के बच्चे SAGES विद्यालय में पढ़ने आते हैं, अब शिक्षा जागरूकता में एक मिसाल बन रहा है।
सर्पंच की अनूठी पहल – शिक्षा के लिए रात में निगरानी
सरपंच श्री लोमेश्वर साहू ने यह महसूस किया कि विद्यालय के बाद बच्चों की पढ़ाई की आदत विकसित करना और अनुशासित दिनचर्या बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। इसी उद्देश्य से उन्होंने गाँव में वालंटियर टीम गठित की।
इन वालंटियर्स का काम है:
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शाम और रात में घर-घर जाकर देखना कि बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं।
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अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना।
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जरूरत पड़ने पर बच्चों को पढ़ाई में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षकों से संपर्क कराना।
वालंटियर्स की भूमिका – गाँव में शिक्षा प्रहरी
सरपंच के मार्गदर्शन में गठित वालंटियर टीम में गाँव के युवा और समाजसेवी शामिल हैं। इनमें विशेष रूप से हेमंत साहू, कुंदन साहू, जमाल रिज़वी, राधेलाल सिन्हा और अभिषेक का नाम प्रमुख है।
इन युवाओं ने अपनी जिम्मेदारी को सेवा भाव से निभाते हुए गाँव-गाँव जाकर शिक्षा के महत्व को समझाने और बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने का बीड़ा उठाया है।
हेमंत साहू कहते हैं –
"हमारा लक्ष्य है कि गाँव का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। शाम को हम बच्चों से मिलते हैं और उन्हें समझाते हैं कि पढ़ाई ही उनका भविष्य बदल सकती है।"
अभिषेक अभिभावकों से संवाद – जागरूकता का नया अध्याय
विद्यालय के शिक्षकगण, सरपंच और वालंटियर्स अभिभावकों से नियमित मुलाकात करते हैं। वे अभिभावकों को बताते हैं:
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नियमित पढ़ाई और विद्यालय उपस्थिति का महत्व।
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बच्चों को मोबाइल, नशे और अनुशासनहीन आदतों से दूर रखने की ज़रूरत।
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शिक्षा के माध्यम से बच्चों का उज्ज्वल भविष्य कैसे बन सकता है।
कुंदन साहू कहते हैं –
"हम अभिभावकों को भी पढ़ाई में भागीदारी करने के लिए प्रेरित करते हैं। जब परिवार शिक्षा के महत्व को समझेगा, तभी बच्चे आगे बढ़ पाएँगे।"
नशामुक्त वातावरण – बच्चों के भविष्य की सुरक्षा
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही सरपंच श्री लोमेश्वर साहू ने गाँव में बच्चों को नशे की आदतों से बचाने की दिशा में एक सख्त कदम उठाया है।
उन्होंने गाँव के दुकानदारों से अनुरोध किया है कि वे नाबालिग बच्चों को गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या किसी भी प्रकार का नशा बेचने से परहेज़ करें। इस पहल से गाँव में नशामुक्त वातावरण बनाने में मदद मिल रही है।
जमाल रिज़वी बताते हैं –
"हम दुकानदारों से भी अपील करते हैं कि वे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें। यह अभियान सिर्फ पढ़ाई का नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज बनाने का है।"
शिक्षकों और पंचायत का संयुक्त प्रयास
प्राचार्य डॉ. वी.पी. चंद्रा के नेतृत्व में SAGES सिंगपुर के शिक्षक भी इस मुहिम का हिस्सा बने हैं। आर.बी. मार्कोले सर, देवांगन सर, खिल्लू साहू सर, आर.एस. साहू सर, आर.के. साहू सर, दुलेश्वरी ध्रुव मैडम एवं अन्य स्टाफ गाँव के भ्रमण में शामिल होकर अभिभावकों से सीधा संवाद करते हैं।
डॉ. वी.पी. चंद्रा कहते हैं –
"जब विद्यालय, पंचायत और समाज मिलकर काम करते हैं, तभी शिक्षा का असली प्रभाव दिखता है। हमारा लक्ष्य है कि गाँव के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे एक जिम्मेदार नागरिक बनें।"
सकारात्मक बदलाव – जागरूकता का असर
इस संयुक्त प्रयास से गाँव में उल्लेखनीय बदलाव दिखने लगे हैं:
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बच्चों की विद्यालय उपस्थिति में सुधार हुआ है।
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रात में बच्चों के पढ़ाई करने की आदत विकसित हुई है।
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अभिभावक शिक्षा के महत्व को समझकर बच्चों के मार्गदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
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नाबालिगों में नशे की आदत पर रोक लगी है।
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गाँव का माहौल पढ़ाई और सकारात्मक गतिविधियों की ओर अग्रसर हुआ है।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
साहू, एक अभिभावक कहती हैं –
"पहले बच्चे शाम को खेल-कूद और मोबाइल में समय बिताते थे। अब वालंटियर्स और शिक्षकों के समझाने से वे रात में पढ़ाई करने लगे हैं। यह बदलाव देखकर खुशी होती है।"
राधेलाल सिन्हा कहते हैं –
"हमारा सपना है कि गाँव के हर बच्चे की शिक्षा पूरी हो। हम सब मिलकर इसे सच करेंगे।"
निष्कर्ष – शिक्षा और जागरूकता का संगम
सरपंच श्री लोमेश्वर साहू, SAGES सिंगपुर के शिक्षक और वालंटियर्स का यह संयुक्त प्रयास गाँव में शिक्षा का एक नया अध्याय लिख रहा है।
शाम और रात में बच्चों की पढ़ाई की निगरानी, नशामुक्त वातावरण बनाने की कोशिश और अभिभावकों के साथ संवाद – यह सब मिलकर शिक्षा को एक सामुदायिक आंदोलन में बदल रहे हैं।
यह पहल सिर्फ बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में नहीं, बल्कि पूरे गाँव को शिक्षित, जागरूक और सशक्त बनाने की ओर एक बड़ा कदम है।
– रिपोर्ट संकलन:
डॉ. वी.पी. चंद्रा
प्रधानाचार्य
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय (SAGES), सिंगपुर



