गांधी युग (Gandhian Era) – नोट्स
1. परिचय
गांधी युग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का वह काल है जिसमें महात्मा गांधी ने नेतृत्व किया।
अवधि: 1915–1948 (गांधी जी भारत लौटे 1915 में और 1948 में उनकी हत्या तक)।
मुख्य विशेषता: अहिंसा (Non-Violence) और सत्याग्रह (Satyagraha) के सिद्धांत।
2. गांधी युग के प्रमुख आंदोलन
| आंदोलन | वर्ष | उद्देश्य | मुख्य विशेषता |
|---|---|---|---|
| असहयोग आंदोलन | 1920–1922 | स्वराज की मांग और अंग्रेजों के खिलाफ विरोध | अहिंसात्मक असहयोग, सरकारी स्कूल, नौकरियाँ छोड़ना, ब्रिटिश सामान न खरीदना |
| सविनय अवज्ञा आंदोलन | 1930–1934 | ब्रिटिश कानूनों और करों का शांतिपूर्ण उल्लंघन | नमक कानून का उल्लंघन, दांडी मार्च, जनता का व्यापक भागीदारी |
| भारत छोड़ो आंदोलन | 1942 | ब्रिटिश शासन को तुरंत भारत से हटाना | “करो या मरो” नारा, बड़े पैमाने पर जेलें और जनता की भागीदारी |
3. गांधी युग की विशेषताएँ
अहिंसा और सत्याग्रह – सभी आंदोलनों में प्रमुख आधार।
ग्रामीण upliftment – खादी आंदोलन, ग्राम स्वराज, स्वदेशी अपनाना।
महिलाओं और युवाओं की भागीदारी – सभी वर्ग आंदोलन में शामिल।
राष्ट्रीय एकता – हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रयास।
शिक्षा और सामाजिक सुधार – अछूतों का अधिकार, शिक्षा का प्रचार।
4. प्रमुख नारे
“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा”
“करो या मरो”
“अहिंसा परमो धर्म”
5. प्रमुख नेता
महात्मा गांधी – मुख्य नेता
पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू, मौलाना अबुल कलाम आजाद
6. गांधी युग के परिणाम
भारतीय जनता में राष्ट्रीय जागरूकता और स्वराज की भावना।
अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक और संगठित आंदोलन।
स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में सशक्त और अहिंसात्मक आंदोलन की नींव।
सामाजिक सुधार और ग्रामीण upliftment की शुरुआत।