भारत छोड़ो आंदोलन



भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement – 1942) – नोट्स

1. परिचय

  • भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया।

  • आरंभ: 8 अगस्त 1942, मुंबई (बॉम्बे) में कांग्रेस अधिवेशन।

  • मुख्य नारा: “करो या मरो” (Do or Die)

  • उद्देश्य: ब्रिटिश शासन को तुरंत भारत से हटाना।

2. कारण

  1. द्वितीय विश्व युद्ध: ब्रिटिशों ने भारत को बिना अनुमति युद्ध में शामिल किया।

  2. स्वतंत्रता की मांग का अनदेखा: कांग्रेस की अहिंसात्मक मांगों को मान्यता नहीं दी गई।

  3. स्वराज की जरूरत: देशवासियों में ब्रिटिशों के खिलाफ विद्रोह की भावना बढ़ी।

3. प्रमुख नेता

  • महात्मा गांधी – आंदोलन के मुख्य नेता

  • नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, पंडित मदन मोहन मालवीय आदि।

4. आंदोलन की विशेषताएँ

  • गौरवपूर्ण अहिंसा: ज्यादातर जगहों पर शांतिपूर्ण विरोध।

  • व्यापक जनभागीदारी: छात्र, किसान, मजदूर और महिलाएँ शामिल।

  • सुपरिशुद्ध नारा: “करो या मरो” – अंतिम स्वतंत्रता की अपील।

  • अंग्रेजों की प्रतिक्रिया: प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार करना, प्रेस पर नियंत्रण, जगह-जगह हिंसा।

5. मुख्य घटनाएँ

तारीखघटना
8 अगस्त 1942कांग्रेस का मुंबई अधिवेशन, आंदोलन की घोषणा
अगस्त 1942अंग्रेजों ने गांधी जी सहित कई नेताओं को गिरफ्तार किया
1942-1944देश के कई हिस्सों में आंदोलनों और हड़तालों का फैलाव
1945आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार ने राजनीतिक बदलाव पर विचार शुरू किया

6. परिणाम

  • तत्काल स्वतंत्रता नहीं मिली।

  • आंदोलन ने देशवासियों में राष्ट्रीय जागरूकता और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ाया।

  • अंग्रेजों पर राजनीतिक दबाव बढ़ा।

  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अंतिम दिशा मजबूत हुई।

7. विशेष तथ्य

  • आंदोलन को अंग्रेज सरकार ने अवैध घोषित किया।

  • कई जगहों पर आंदोलनों में हिंसा और संपत्ति क्षति हुई।

  • जेल में बंद नेता आंदोलन के प्रतीक बने।



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