असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) – नोट्स
1. परिचय
असहयोग आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला संपूर्ण राष्ट्रीय आंदोलन था।
इसका उद्देश्य था अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसात्मक विरोध करना और स्वराज की मांग।
नेतृत्व: महात्मा गांधी
वर्ष: 1920–1922
2. कारण
1919 का रॉलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड – अंग्रेजों की क्रूरता।
खिलाफत आंदोलन – मुस्लिम नेताओं द्वारा कलिफेट बचाने की मांग।
देशवासियों में स्वराज की चाह।
3. आंदोलन की विशेषताएँ
अहिंसात्मक विरोध – हिंसा से दूर।
अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग:
सरकारी स्कूल और कॉलेज छोड़ना
सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देना
अंग्रेजी अदालतों में केस न लड़ना
ब्रिटिश वस्तुएँ न खरीदना
देशव्यापी आंदोलन – छात्रों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं की भागीदारी।
4. प्रमुख नेता
महात्मा गांधी – मुख्य नेता
मौलाना अबुल कलाम आजाद, महात्मा गांधी, पंडित मदन मोहन मालवीय, सुभाष चंद्र बोस आदि।
5. मुख्य घटनाएँ
| वर्ष/तारीख | घटना |
|---|---|
| 1920 | महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की घोषणा की |
| 1921 | आंदोलन पूरे भारत में फैल गया |
| 1922 | चंपारण, खेड़ा, बंगाल में सफल आंदोलनों के बाद हिंसा के कारण आंदोलन बंद |
6. परिणाम
आंदोलन ने भारतीय जनता में राष्ट्रवाद और स्वराज की भावना जगाई।
ब्रिटिश सरकार को देशव्यापी दबाव का सामना करना पड़ा।
हिंसा बढ़ने के कारण महात्मा गांधी ने आंदोलन को रोक दिया।
स्वतंत्रता संग्राम की दिशा मजबूत हुई।
7. विशेष तथ्य
यह आंदोलन पहला ऐसा आंदोलन था जिसमें सभी वर्गों ने भाग लिया।
असहयोग आंदोलन ने देशवासियों में सामूहिक राष्ट्रप्रेम और एकजुटता पैदा की।